BrahMos Missile Global Demand: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद दुनिया भर में बढ़ी भारत की मिसाइल की मांग
भारत की सबसे तेज और उन्नत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी शानदार सफलता के बाद वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोर ली हैं। BrahMos missile global demand में जबरदस्त उछाल आया है, क्योंकि इस मिसाइल ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले करके भारत की सैन्य ताकत का लोहा मनवाया। भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से विकसित यह मिसाइल अपनी गति, सटीकता और बहु-प्लेटफॉर्म क्षमता के लिए जानी जाती है। Operation Sindoor success के बाद अब 17 देश इस मिसाइल को खरीदने के लिए कतार में हैं, जिससे भारत वैश्विक हथियार बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनकर उभरा है। आइए, इस मिसाइल की खासियत और वैश्विक मांग की कहानी को समझें।

ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई 2025 को शुरू हुआ, पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों को जिम्मेदार ठहराया गया। 9-10 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने India supersonic cruise missile ब्रह्मोस का उपयोग कर पाकिस्तान के 11 प्रमुख हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए। ANI के सूत्रों के अनुसार, लगभग 15 ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा और हमलावर क्षमताओं को पूरी तरह पंगु कर दिया।
इन हमलों ने पाकिस्तान के रनवे, कमांड सेंटर, और हार्डन्ड शेल्टर को नष्ट कर दिया, जिसमें एक महत्वपूर्ण AWACS (Airborne Warning and Control System) विमान भी शामिल था। रिटायर्ड PAF एयर मार्शल मसूद अख्तर ने स्वीकार किया कि भोलारी हवाई अड्डे पर एक ब्रह्मोस मिसाइल ने AWACS को नष्ट किया। इस सफलता ने ब्रह्मोस को पहली बार युद्ध में आजमाए गए हथियार के रूप में स्थापित किया, जिससे इसकी वैश्विक मांग में तेजी आई।
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत
ब्रह्मोस, जिसका नाम ब्रह्मपुत्र और मॉस्कवा नदियों के मेल से लिया गया है, भारत के DRDO और रूस के NPOM द्वारा विकसित की गई है। यह मिसाइल अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जानी जाती है:
- गति: लगभग Mach 2.8 (ध्वनि की गति से तीन गुना)।
- रेंज: 290 किमी से 500 किमी, और उन्नत संस्करण में 800 किमी तक।
- बहु-प्लेटफॉर्म: जमीन, समुद्र, हवा, और पनडुब्बी से लॉन्च की जा सकती है।
- सटीकता: “फायर एंड फॉरगेट” सिद्धांत पर काम करती है, जिसे लॉन्च के बाद मार्गदर्शन की जरूरत नहीं होती।
- कम रडार हस्ताक्षर: इसकी स्टील्थ क्षमता इसे रक्षा प्रणालियों के लिए मुश्किल लक्ष्य बनाती है।
12 जून 2001 को पहली बार परीक्षित इस मिसाइल ने Operation Sindoor success में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में ब्रह्मोस सुविधा के उद्घाटन के दौरान कहा, “अगर आपने ब्रह्मोस की ताकत नहीं देखी, तो पाकिस्तान के लोगों से पूछिए।”
वैश्विक मांग में उछाल
BrahMos export countries की सूची में फिलीपींस पहला पक्का खरीदार है, जिसने जनवरी 2022 में $375 मिलियन का सौदा किया। अप्रैल 2024 में पहली खेप और अप्रैल 2025 में दूसरी खेप की डिलीवरी होनी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद 17 देशों ने इस मिसाइल में रुचि दिखाई है:
- इंडोनेशिया: $200-350 मिलियन के लिए उन्नत संस्करण चाहता है।
- वियतनाम: सेना और नौसेना के लिए $700 मिलियन का सौदा।
- मलेशिया: सुखोई Su-30MKM फाइटर्स और नौसैनिक जहाजों के लिए एकीकरण।
- थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई: क्षेत्रीय रक्षा के लिए खरीद की योजना।
- ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला: तटीय और नौसैनिक रक्षा के लिए रुचि।
- मिस्र, सऊदी अरब, यूएई, कतर, ओमान: क्षेत्रीय प्रतिरोध के लिए उन्नत वार्ताएं।
- दक्षिण अफ्रीका, बुल्गारिया: रणनीतिक उपयोग के लिए चर्चा।
X पर कुछ उपयोगकर्ताओं ने दावा किया कि ब्रह्मोस की मांग में यह उछाल भारत की “आत्मनिर्भर भारत” नीति की जीत है।
भारत की रक्षा निर्यात में बढ़त
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल ब्रह्मोस की ताकत दिखाई, बल्कि भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमता को भी वैश्विक मंच पर उजागर किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ₹300 करोड़ की ब्रह्मोस सुविधा का उद्घाटन करते हुए कहा, “यह मिसाइल न केवल हथियार है, बल्कि भारतीय सेना की ताकत और विरोधियों के लिए निवारक संदेश है।”
लखनऊ की नई सुविधा प्रतिवर्ष 80-100 मिसाइलें बनाएगी, जो भारत की निर्यात क्षमता को और बढ़ाएगी। यह सुविधा ब्रह्मोस-एनजी जैसे उन्नत संस्करणों के उत्पादन को भी गति देगी, जो हल्के और अधिक घातक होंगे। भारत की रक्षा निर्यात नीति को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रक्षा अताशे अब फिलीपींस और आर्मेनिया जैसे मौजूदा ग्राहकों के साथ-साथ नए बाजारों पर ध्यान दे रहे हैं।
FAQs: BrahMos Missile Global Demand
1. ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की क्या भूमिका थी?
ब्रह्मोस ने पाकिस्तान के 11 हवाई अड्डों पर सटीक हमले किए, जिसने उसकी हवाई रक्षा और हमलावर क्षमताओं को नष्ट कर दिया।
2. ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत क्या है?
यह Mach 2.8 की गति, 290-800 किमी की रेंज, और “फायर एंड फॉरगेट” सिद्धांत के साथ जमीन, समुद्र, और हवा से लॉन्च हो सकती है।
3. किन देशों ने ब्रह्मोस खरीदने में रुचि दिखाई है?
इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, ब्राजील, मिस्र, सऊदी अरब समेत 17 देश रुचि दिखा रहे हैं।
4. भारत की रक्षा निर्यात में ब्रह्मोस की भूमिका क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस ने भारत को वैश्विक हथियार बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनाया, खासकर आत्मनिर्भर भारत के तहत।
निष्कर्ष
BrahMos missile global demand में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने नया जोश भरा है। India supersonic cruise missile ने अपनी सटीकता और ताकत से पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को ध्वस्त कर दिया, जिससे 17 देश इस मिसाइल को खरीदने के लिए उत्सुक हैं। BrahMos export countries की बढ़ती सूची भारत की रक्षा निर्यात और आत्मनिर्भरता की कहानी को मजबूत करती है। क्या ब्रह्मोस भारत को वैश्विक रक्षा बाजार का नया लीडर बनाएगा? अधिक अपडेट्स के लिए Financedada.com पर बने रहें!
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