Trump India Zero Tariff Trade Deal: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर डोनाल्ड ट्रम्प का दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर 100% टैरिफ हटाने का प्रस्ताव दिया है, जो विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से एक बड़ा कदम होगा। Trump India zero tariff trade deal की यह बात ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज़ के एक इंटरव्यू में कही, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह इस समझौते को जल्दबाजी में अंतिम रूप देने के मूड में नहीं हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दावे पर तुरंत प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि India US trade negotiations जटिल हैं और अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया युद्धविराम में व्यापार को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। आइए, इस घटनाक्रम की गहराई में उतरें और समझें कि यह भारत और वैश्विक व्यापार के लिए क्या मायने रखता है।

ट्रम्प का दावा: भारत ने शून्य टैरिफ की पेशकश की
17 मई 2025 को फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को उन देशों का उदाहरण बताया, जिनके व्यापारिक अवरोधों को वह तोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “भारत में व्यापार करना लगभग असंभव है। क्या आप जानते हैं कि वे अमेरिका के लिए अपने 100% टैरिफ हटाने को तैयार हैं?” ट्रम्प ने इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताया, लेकिन साथ ही मिश्रित संदेश भी दिए। उन्होंने कहा, “यह समझौता जल्द होगा, लेकिन मैं जल्दबाजी में नहीं हूं। सभी देश हमारे साथ समझौता करना चाहते हैं।”
ट्रम्प ने यह भी उल्लेख किया कि वह सभी देशों के साथ व्यापारिक समझौते करने के पक्ष में नहीं हैं। उनकी टिप्पणियां बताती हैं कि वह वैश्विक व्यापार को नए सिरे से ढालना चाहते हैं, जिसमें अगले कुछ हफ्तों में विभिन्न व्यापारिक साझेदारों के लिए नई टैरिफ दरें तय करना शामिल है।
जयशंकर का जवाब: अभी कुछ तय नहीं
ट्रम्प के दावे के तुरंत बाद, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि India US trade negotiations अभी चल रही हैं और कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं जटिल हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, कुछ भी तय नहीं है। कोई भी व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होना चाहिए।”
जयशंकर की यह टिप्पणी भारत की सतर्क कूटनीति को दर्शाती है। भारत ने हाल ही में अमेरिकी स्टील और एल्यूमीनियम पर टैरिफ के जवाब में जवाबी टैरिफ की धमकी दी थी, जो दर्शाता है कि नई दिल्ली अब व्यापार वार्ताओं में अधिक मुखर हो रही है।
भारत-अमेरिका व्यापार: वर्तमान स्थिति
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसमें 2024 में द्विपक्षीय व्यापार $129 बिलियन तक पहुंच गया। भारत का अमेरिका के साथ $45.7 बिलियन का व्यापार अधिशेष है, जो मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, और ज्वैलरी जैसे क्षेत्रों से आता है। ट्रम्प ने भारत को अतीत में “टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला” कहा था, क्योंकि भारत के आयात पर औसत टैरिफ 17% है, जो अमेरिका के 3.3% की तुलना में काफी अधिक है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने पहले चरण में 60% टैरिफ लाइनों पर शून्य टैरिफ और अमेरिका से आयात होने वाले 90% सामानों पर विशेष रियायतों की पेशकश की है। यह प्रस्ताव ट्रम्प के 9 अप्रैल को घोषित 90-दिवसीय टैरिफ स्थगन के दौरान आया, जो 9 जुलाई को समाप्त होगा। भारत ने स्टील, ऑटो पार्ट्स, और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में शून्य टैरिफ का प्रस्ताव दिया है, लेकिन यह पारस्परिकता और आयात की मात्रा पर निर्भर है।
ट्रम्प का व्यापार और शांति का दावा
ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि उन्होंने Trump Pakistan ceasefire trade रणनीति के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में व्यापार का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “मैं व्यापार का उपयोग स्कोर सेटल करने और शांति स्थापित करने के लिए कर रहा हूं।” यह बयान कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिन की सैन्य तनातनी के बाद आया।
हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच बातचीत के बाद हुआ। ट्रम्प ने पाकिस्तान के साथ भी व्यापार बढ़ाने की संभावना जताई, जिसे उन्होंने युद्धविराम का एक कारक बताया। कुछ X उपयोगकर्ताओं ने इसे ट्रम्प की “आर्थिक कूटनीति” की जीत बताया, लेकिन यह दावा विवादास्पद और असत्यापित है।
भारत की रणनीति और चुनौतियां
भारत की ओर से शून्य टैरिफ की पेशकश, अगर सही है, तो एक बड़ा नीतिगत बदलाव होगा। भारत ने हाल ही में यूके और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ व्यापार समझौते किए हैं, जो उसकी व्यापार के प्रति नई खुली सोच को दर्शाते हैं। हालांकि, कृषि और ऑटोमोबाइल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में रियायतें देना भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि ये क्षेत्र राजनीतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं।
विश्लेषक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि भारत “शून्य-के-बदले-शून्य” दृष्टिकोण अपना सकता है, जिसमें दोनों पक्ष समान रूप से टैरिफ हटाएं, लेकिन कृषि और ऑटो को बाहर रखा जाए। भारत ने अमेरिका से उच्च-मूल्य वाले निर्यात, जैसे विमान, लक्जरी कार, और मेडिकल डिवाइस, पर निर्यात नियमों में ढील देने की मांग भी की है।
FAQs: Trump India Zero Tariff Trade Deal
1. डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के बारे में क्या दावा किया?
ट्रम्प ने कहा कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर 100% टैरिफ हटाने की पेशकश की है, लेकिन वह इस समझौते को जल्दबाजी में अंतिम रूप नहीं देना चाहते।
2. भारत ने ट्रम्प के दावे पर क्या कहा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि व्यापार वार्ताएं जटिल हैं और अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी होना चाहिए।
3. भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की स्थिति क्या है?
भारत ने 60% टैरिफ लाइनों पर शून्य टैरिफ और 90% अमेरिकी आयात पर रियायतों की पेशकश की है, लेकिन यह पारस्परिकता पर निर्भर है।
4. ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम में व्यापार की क्या भूमिका बताई?
ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने व्यापार का उपयोग भारत-पाकिस्तान युद्धविराम के लिए किया, लेकिन भारत ने इसे DGMOs की बातचीत का नतीजा बताया।
निष्कर्ष
Trump India zero tariff trade deal का दावा भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में एक बड़े बदलाव का संकेत देता है, लेकिन S Jaishankar trade talks की सतर्क प्रतिक्रिया से साफ है कि भारत कोई जल्दबाजी नहीं करेगा। Trump Pakistan ceasefire trade दावे ने भी विवाद खड़ा किया है, जिसे भारत ने खारिज कर दिया। क्या यह समझौता भारत को वैश्विक व्यापार में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, या यह संवेदनशील क्षेत्रों में चुनौतियां खड़ी करेगा? अधिक अपडेट्स के लिए Financedada.com पर बने रहें!
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